बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे? 2022 | How to start Goat Farming Business in hindi

बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे (Goat Farming Business) – भारत में बकरी पालन का महत्व, योजना बनाये, लोन सब्सिडी, कुल लागत और कमाई।

भारत में बकरी पालन का महत्व

भारत देश एक कृषि पूर्ण देश है जहा के अधकतर लोग ग्रामीण छेत्रो में निवाश करते है जिस कारण लोगो का मुख्या व्यवसाय कृषि और पशुपालन होता है यहाँ के लोग कृषि के साथ साथ अधिक मुनाफे के लिए पशुपालन भी करते है जिस कारण अन्य लोगो को भी रोजगार मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

ज्यादा तर किसान खेती करने के अलावा अपने आमदनी को बढ़ाने के लिए पशुपालन करते है लेकिन समय के साथ लोगो का रुझान भी बदल जाता है अगर आज के समय की बात करे तो बकरी पालन के बिजनेस को बड़े स्तर पर कर रहे है और आज के युवा बेरोजगारी के वजह से पशुपालन के व्यापार को सिख रहे और आज के आधुनिक तरिके से नई तकनीक के साथ कर रहे है। तो चलिए जानते है कि आप बकरी पालन का बिजनेस कैसे कर सकते है और इसमें आने वाली समस्याओ के बारे में पूरी जानकारी निचे दी गयी इसलिए इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़े।

बकरी पालन में ध्यान रखने वाली जरुरी बाते

अब हम जानते है कि बकरी पालन करने से पहले से आपको किस किस बातो का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है सबसे पहले आपको बकरियों से जुड़े सभी प्रकार के जानकारी को इकट्ठी करे और इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करे कि आप बकरी पालने के उस काम को कर सकते है या नहीं।

पशुपालन का काम बहोत जिम्मेदारी वाला काम होता है जिसमे बकरियों को बीमारी से बचाना और मौसम के हिसाब से खाना तैयार करके देना। बकरिया खाने में क्या खाना पसंद करती है उसके जगह की अच्छे से साफ सफाई पर ध्यान देना इसके अलावा और भी बहोत सारे से सावधानिया है जिसको आपको जानने और बरतनी की आवश्यकता पड़ती है।

बकरी पालन योजना बनाये (Make Goat Farming Plan)

दोस्तों किसी भी व्यवसाय को करने से पहले उस व्यापार से जुड़े सभी जानकारी को जानने के बाद, बिजनेस प्लान और स्ट्रेटजी बनाना जरूरी होता है जिसके मदद से किसी बिजनेस को सफल बनाना और उसे सुचारु रूप से चलाने में आसानी होती है।

पशुपालन करना आसान और कम पूंजी वाला कार्य होता है। जिसे सरकारी योजना के तहत किया जा सकता है इसे करने वाले राज्य जैसे – मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के अलावा भी अन्य राज्य भी शामिल है।

इसके लिए योजना की आवश्यकता होती है जिसमे आपको साल भर बकरी की देख भाल और खान पान पर ध्यान देने के अलावा भी बहोत से कार्य करने होते है।

बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे
बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के जरूरी टिप्स जाने पूरी जानकारी

बकरी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करे (How to start Goat farming business)

दोस्तों पशुपालन के व्यवसाय को केंद्र सरकार हमेसा से ही बढ़ावा दे रही और इसके लिए लोगो को जागरूक भी करती है जिसमे रोजगार से जुड़े कई पहल होते है इसके जरिये, लोन और सब्सिडी जैसे योजना भी शामिल की गयी है।

ताकि लोगो को बकरी पालन करने में कोई भी समस्या का सामना न करना पड़े, बकरी पालन का व्यवसाय कैसे करे इस बारे में जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करते है तो चलिए जानते है आज के समय में बकरी पालन का व्यापार कैसे शुरू कर सकते है।

बकरी पालन प्रशिक्षण (Goat farming training)

अगर आप बकरी पालन व्यवसाय करना चाहते है और इसका आपको अनुभव नहीं है तो आप सरकार के द्वारा दिए जा रहे पशुपालन के प्रशिक्षण में भाग ले सकते है या गांव के लोगो से इस बारे में सिख सकते है बकरी पालन का प्रशिक्षण लेना जरूरी है क्योकि इसमें आपको बकरी के नस्ल के अलावा बकरियों के रख रखाव और उनके बीमारियों से जुड़े जानकारी के बारे में प्रशिक्षण देते है इसके अलावा बकरी के चारे और खान पान के बारे में भी विशेष जानकारी दिया जाता है। बकरी पालन व्यवसाय की जानकारी होना आवश्यक है जिसके अनुसार ही बिजनेस को आगे बढ़ाया जा सकता है

बकरी पालन के लिए स्थान का चयन (Choose location)

दोस्तों हम बात करेंगे बकरी के पालने के जगह के बारे में तो इसके लिए आप अपने स्तर के अनुसार जगह का चुनाव कर सकते है कि आप कितने बकरियों के साथ पशुपालन शुरू करना चाहते है इसके लिए स्थान की बात करे तो आप गांव जैसे इलाके को चुन सकते है क्योकि जानवर शांत वाले स्थान पर रहना ज्यादा पसंद करते है।

शेड का निर्माण (Shed Construction)

बकरी पालन के स्थान का चुनाव करने के पश्चात आप बकरी के रहने के लिए शेड या घर का निर्माण करवा सकते है बकरियों ला शेड बकरियों की संख्या पर निर्भर करता है की आप कितने संख्या में बकरिया पाल सकते है और उसका खर्च और रख रखाव आसानी से कर सकते है।

शेड को आप जमीन से थोडा ऊपर बनवाये ताकि बारिश का पानी अंदर न जा सके जिससे बकरी के बड़े साफ और स्वच्छ बना रहे। बकरियों की साफ सफाई उन्हें बीमारियों से बचाती है जिसका फायदा आपको बाद में मिलता है।

बकरियों का चारा (Goat feed)

Goat Farming में बकरियों को जल्दी बढ़ने या विकसित होने के लिए पोस्टिक आहार देना आवश्यक है जिससे बकरिया स्वस्थ और हेल्थी हो। इसलिए बकरी पालन में आहार का विशेष रूप से ध्यान देना आवश्यक है तो चलिए जानते है की बकरी पालन में बकरियों को किस तरह का आहार देना चाहिए –

  • बड़े बकरो को चारा के अलावा भी अलग से आहार चाहिए होता है जो उसके शरीर की आवश्यकता को पूरा करता है इस लिए बड़े बकरो को मिनिरल्स और विटामिन भी दे।
  • गर्भवती बकरी के आहार को ध्यान देना जरूरी है जिसमे बकरिओ को अरहर, चना, मटर का भूसा, बाबुल की सुखी पत्तिया, उड़द की पत्ति और सूखा चारा गर्भवती बकरी को हर रोज ज्यादा से ज्यादा खिलाये।
  • नवजात छोटे मेमनो के लिए खुराक में माँ का दूध ही दे और 3 से 4 महीने तक के मेमनो के लिए मेनुस और खींस पिलाये। जैसे जैसे मैंने बड़े होंगे वैसे वैसे मूंगफली, मकई, गेहू का चोकर, खनिज मिश्रण और नमक आदि खिलाये। खाने के बारे में जाने

चराकर और खूंटे पर खिलाकर पालना (Grazing and feeding on pegs)

बकरियों के नस्ल के अनुसार ही बकरियों को रखा जाता है जिसमे से कुछ नस्ल के बकरी को केवल खूंटे से बांध कर पाला जाता है जो अन्य नस्लों से अलग होते है इसी प्रकार अन्य नस्लों को केलव चराकर पाला जाता है।

इसमें हम चराकर और खूंटे से बांध कर खिलाकर पालना के विधि के बारे में बताया है जिसमे बकरियों के झुण्ड को 7 से 8 घंटे तक चराना अनिवार्य है जिससे बकरियों के स्वस्थ और शरीर पर काफी असर होता है इसे बकरी पालन का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है इसमें अधिकतर देखा गया है कि बकरियों के वजन में बढ़ोतरी होती है।

बकरियों का रख रखाव (Keeping goats)

बकरियों को नस्ल अनुसार ही उसका पालन करे। अलग अलग नस्ल बकरियों को अलग अलग तरह से रहना पसंद होता है जिसमे आप बकरिओ को उसके परिस्थिति के अनुसार ही रख रखाव करे।

बकरियों का टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कराये

पशुपालन में हर जीव को वैक्सीनेशन कराना अनवार्य होता है यह वैक्सीनेशन बकरी को हर तरह के रोग और बीमारियों से बचाने का कार्य करता है।

बकरियों की प्रजातियां (नस्ल) (Goats breed)

दोस्तों पूरी दुनिया में कई प्रजातियों के बकरिया पायी जाती है जिसमे से 97 प्रकार की बकरी की प्रजाति भारत में पायी जाती है जिसका उपयोग लोग मांस और दूध के उत्पादन के लिए करते है इनमे से ऐसे बहोत से बकरिया है जिसको उसके नस्ल के आधार पर पाला और बेचा जाता है। दोस्तों आज हम यहाँ पर आपको, लोगो के द्वारा बकरियों में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले बकरी की प्रजातियों के बारे में बताएंगे जो इस प्रकार से है –

  • सिरोही – यह बकरिया मुख्य रूप से राजस्थान के सिरोही जिले में पायी जाती है इस नस्ल के बकरियों को दूध और मांस दोनों के उपयोग के लिए पाला जाता है यह बकरी एक दिन में सिर्फ आधे लीटर ही दूध देती है लेकिन यह 70% फीसदी जुड़वो बच्चो को जन्म देती है।
  • जमुनापारी – यह बकरिया ज्यादा तर उत्तरप्रदेश के जमुना नदी और चंबल के इलाको में पायी जाती है इन बकरियों को भी दूध और मांस दोनों के लिए पाला जाता है यह बकरिया दूध देने में सिरोही बकरी की तुलना में ज्यादा दूध देती है और यह 30 फीसदी जुड़वा बच्चो को जन्म देती है।
  • सुरति – यह बकरी ज्यादा तर गुजरात के सूरत जिले में पायी जाती है इस नस्ल के बकरी को मुख्य रूप से दूध के लिए पाला जाता है जो प्रति दिन 2 से 3 लीटर तक दूध दे सकती है इसकी दूध देने की छमता ज्यादा होती है।
  • बर्बरी – यह बकरिया देश के बाहर से लायी गयी बकरिया है जो वर्तमान में उत्तरप्रदेश के इटावा, आगरा, अलीगढ़ और मथुरा जैसे जगह पर पायी जाती है इस नस्ल के बकरिया वजन में कम और मांस में अच्छी होती है।
  • झाकरण – इस बकरी को खास कर दूध देने के लिए पाला जाता है जो प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तक दूध दे सकती है इसको मांस के लिए उपयोग में लाया जाता है और इसकी खाल काफी मोती होती है।
  • बोअर – यह बकरियां भी मुख्यतः बाहर देश से लायी गयी बकरिया है जो भारत में बहोत कम ही संख्या में बचे है इसलिए इस बकरी की कीमत काफी ज्यादा होती है। जिसे पाल कर आप बहोत जल्दी मुनाफा कमा सकते है।
  • बीतल – इस नस्ल के बकरी की भी दूध देने की छमता अधिक होती है यह प्रति दिन लगभग 1 से 2 लीटर तक दूध दे सकती है और मांस के लिए इसे बहोत पसंद किया जाता है।
  • ब्लैक बंगाल
  • गद्दी – गद्दी बकरिया मुख्यतः हिमांचल प्रदेश के पहाड़ी इलाको में पायी जाती है जिसका मुख्य काम ट्रांसपोर्ट करने के लिए जाता है इस तरह के नस्ल वाले बकरी के कण बड़े बड़े होते है जिसे आसानी से पहचाना जा सकता है।

बकरी पालन लोन सब्सिडी (Goat Farming Loan Subsidy)

केंद्र सरकार के पशुपालन के योजना में बकरी पालन व्यवसाय भी सम्मिलित है जिसमे आपके बकरी की संख्या के आधार पर बैंको से लोन आदि दिए जाते है इस योजना में मुख्य रूप से किशानो के लिए सुविधा दी गयी है जिसमे बकरी पालन के लिए सब्सिडी दी जाती है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस कार्य को करे।

बकरियों के व्यवसाय में कुल लागत (Total cost of goat business)

बकरियों के व्यापार में लागत की बात करे तो इसमें ज्यादा लागत नहीं आती है अगर आप 10 बकरिया पाल रहे है तो एक बकरी पर प्रतिदिन के हिसाब से 6 से 7 रूपये खर्च होते है जो आपको बकरी पलने से बेचने तक 10 हजार तक 10 बकरियों में होती है।

बकरी पालन से कमाई (Goat farming income)

इसकी कमाई की बात करे तो 1 बकरी बाजार में 10 हजार तक बेचे जाते है इस हिसाब से आप 10 बकरे में 1 लाख तक आसानी से कमा सकते है।

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FAQ

  1. बकरी पालन से कमाई (Goat farming income)

    इसकी कमाई की बात करे तो 1 बकरी बाजार में 10 हजार तक बेचे जाते है इस हिसाब से आप 10 बकरे में 1 लाख तक आसानी से कमा सकते है।

  2. बकरियों का चारा (Goat feed)

    बकरी पालन में बकरियों को जल्दी बढ़ने या विकसित होने के लिए पोस्टिक आहार देना आवश्यक है बकरियों का चारा अरहर, चना, मटर का भूसा, बाबुल की सुखी पत्तिया, उड़द की पत्ति और सूखा चारा , मूंगफली, मकई, गेहू का चोकर, खनिज मिश्रण और नमक आदि खिलाये।

  3. बकरी पालन योजना बनाये (Make Goat Farming Plan)

    पशुपालन करना आसान और कम पूंजी वाला कार्य होता है। जिसे सरकारी योजना के तहत किया जा सकता है इसे करने वाले राज्य जैसे – मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के अलावा भी अन्य राज्य भी शामिल है।

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